प्रेम:एक इश्क की दास्तान - 1 radha द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्रेम:एक इश्क की दास्तान - 1

प्रेम:एक इश्क की दास्तान-1


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दिशा अपने हाथ मे गुलदस्ता लेकर दौड़कर चली आ रही हैं।


दूसरी ओर से प्रेम भी दौड़ा आ रहा हैं।


दोनो पास आए।एक दुसरे को देखा, देखते रेह गए फिर हँसते हुए एक दूसरे को गले लगाया।


दिशा बोली ये तुम्हारे लिए।


थेंक्स।
तुमने मुजे अपना जीवनसाथी चुना, वरना में तो टपोरी....


दिशा ने उसके मुँह पर हाथ रखते हुए कहा कि में भी तो बदले की आग में दुश्मनी की आग में पागल थी.....



प्रेम बोला चलो, हम अपने दोस्तो को अपने प्रेम की दास्तान सुनाते हैं......



दिशा तो सुनिए मेरे ओर प्रेम की इश्क की दास्तान.....


हमारी महोब्बत में

#संघर्ष है।
#बदले की आग हैं।
#दुश्मनी हैं।


प्रेम बोला मेरा #पश्चाताप भी हैं।

#हिंदुस्तान के प्रति प्रेम भी हैं।


तो चलो शरू करते हैं......



💐💐💐💐💐💐💐💐



एक टपोरी लड़का।



वो यही सोचता है की हर जगह वो बोले ऐसा ही होना चाहिए।चाहे जगह कोई भी हो।उसकी ऐसी सोच का कारण बहोत-बहोत ज्यादा लाड़ प्यार और टपोरी लड़को की संगत।


दिनभर पापा काम करते।बेटे का ख्याल रख नही पाते।बेटा जो भी मांगता पापा उसकी हर जरूरत पूरी करते।मध्यम अमीर घराने का लड़का।


एक जाने-माने एरिया में उनका बंगला हैं।दो मंजिल का बंगला हैं। नीचे तीन रूम,एक होल और एक किचन हैं।छोटा सा गार्डन हैं।एक मम्मी की एक्टीवा,पापा और उस लड़के की bike है।एक फोरव्हीलर भी है।


एक 55 साल के आसपास की उम्र की औरत घर पर काम करने आती है।पापा का बिजनेस भी अच्छा है।कमाई अच्छी होती है।पापा को बहोत मेहनत करनी पड़ती है।


वो सुबह 9 बजे काम पर निकल जाते है। एक आदमी दोपहर का टिफिन ले जाता है।पापा घर पर रात के 9 बजे लौटते हैं।

बेटा क्या करता है?

उसके बारे में कुछ भी नही जानते।



पापा का नाम अजयभाई।
मम्मी का नाम आरतीबहन।
उस लड़के का नाम हैं प्रेम।



अभी तक प्रेम अपने नाम को सार्थक नही कर पाया।वो कॉलेज कर रहा है।प्रेम की भाषा भी वाहियात हो चुकी हैं।परिवार के बीच वो श्रवण बनकर घूमता है।अजयभाई ने बहोत प्यार किया है अपने बेटे को। 30 की उम्र में वो अपनी बेटे का मुंह देख पाए।



बहोत दवाया लेकर इस बेटे का मुँह देख पाए।मम्मी भी अपने बेटे की हर बात को मानती।जो मन चाहे वो खाना बना देती।बहोत लाड-प्यार से अपने बेटे को पाला।







बहोत बड़ा जाना माना कॉलेज है।कॉलेज का नाम है "भानुदेवी"। शहर का नाम "गिरनगर"।



शहर की बाहर ये कॉलेज हैं।बहोत सारी फेकल्टी है।आसपास के गाँव के और पूरे भारत से लोग यहाँ अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं।


भानुदेवी कालेज में स्टडी करके आये यंगस्टर्स को अगर अच्छे परसेंटेज हो तो तुरंत ही जॉब मिल जाता है।उन स्टूडेंट्स के पास एक्सपीरियंस भी कोई कंपनी नहीं मांगती।




अत्याधुनिक कॉलेज में लड़के और लड़कियों में कोई अंतर नही।लड़कियां मन चाहे कपड़े पहन सकती।कोई भी लड़का कभी भी कोई भी लड़की का नाम नहीं लेता।मतलब जबरदस्ती नहीं करता।संस्कार, संस्कृति और प्रेम,परिवार के गुणों को संपन्न करती ये कॉलेज।



ऐसी कॉलेज में प्रेम पढ़ रहा है।कुछ टपोरियों के साथ मिलकर आजकल वो खुद एक गुंडा बन चुका हैं।तकरीबन 2 साल से ऐसे लडकोने कॉलेज के नाम को मिट्टी में मिलाने की कोशिश में है।




इनका कारण एक बहोत बड़ी कंपनी ने अपना कॉलेज बनाया मगर वहां अभ्यास करनेववाले स्टूडेंट्स मिलते नहीं। इसलिए उसने ये सब करवाया।टपोरियों-गुंडों के साथ मिलकर।



वो ऐसे गुंडे लड़को को बहोत सारे रुपए, शराब,ड्रग्स और नाचगान के लिए लड़कियों भी भेजते।बहोत पैसे भी देते।ओर भानुदेवी कॉलेज को बरबाद करने की कोशिश जारी हैं।




प्रेम को लड़कियों की संगत नही है।मगर वो जुआ खेलता,शराब पीता और ड्रगज के इंजेक्शन भी लेने लगा।जिंदगी को उसने खेल बना दिया।



कॉलेज का समय हैं।सब पढ़ाई कर रहे हैं। निरुमेडम 40 साल के आसपास की उम्र के हैं।उसने class में प्रवेश किया।



सभी स्टूडेंट्स ने खड़े होकर नीरू मेडम को गुड़ मोर्निंग कहा।


गुड़ मोर्निंग......फिर निरुमेडम शांति से बोली प्रेम,सागर,अनुज अगर तुम्हे कल की तरह परेशान करना है तो class से निकल जाओ।



आज प्रेम ने हद करदी। वो खड़ा हुआ ओर बोला "मेडम आप दिन में भी लाइट क्यो करती है?"
उजाला रात में चाहिए।दिन में नही।


मेडम समझ गई।उसने पीछे से अपनी साड़ी का पल्लू कवर कर लिया।प्रेम के टपोरी दोस्त सागर और अनुज हँसने लगे।शोर करने लगे।class गूंज उठा।सब स्टूडेंट्स ने मुह नीचे कर लिया।वो तीनो निकल गए।मेडम रोने लगी।आज एक लड़केने अपनी माँ की उम्र की मेडम को परेशान किया।



फिर उन तीनों के सामने एक लड़की आई तो अनुज बोला "रेड पेंटी।"
वो लड़की नीचे देखकर चली गई।



सीडी पर एक प्रोफेसर मीले तो सागर बोला "आपकी बीवी को मेरे साथ सोने भेज देना। एक रात का पुरे एक लाख मिलेगा।"


फिर तीनो हँसने लगे।प्रेम कभी लड़कियों को परेशान नहीं करता।मगर आज उसने हद करदी।आज नीरू मेडम को परेशान करके।



सब स्टूडेंट्स ने हंगामा कर दिया और कुछ लड़कियां मेडम को हिमंत देने लगी।सब class में चर्चा होने लगी।सब स्टूडेंट्स नीचे आ गए।कैम्पस में जमा हो गए।वो तीनो बाते कर रहे। हँस रहे है।प्रेम स्केटिंग कर रहा है।



सब स्टूडेंट्स हंगामा करने लगे।प्रेम,सागर और अनुज को कॉलेज से निकाल ने की मांग उठी।उसी समय उन तीनों ने ख़ंजर निकाली और प्रेम जोर से चिल्लाया स्केटिंग फेंक दिए।जिन की भी हिमंत हैं, सामने आए।दूसरे लोग पीछे हट जाए।



सब लोग पीछे हट गए।


पूरी कॉलेज में सन्नाटा छा गया।कोई कुछ नहीं बोला।उन तीनों के तेवर के सामने कोई कुछ नहीं करपाया।



दो लड़की कॉलेज में नई आई।


कॉलेज को स्टार्ट हुए एक माह बीत चुका है।मगर ये दोनों का पहला ही दिन हैं।एक लड़कीने बहोत फैंसी कपड़े पहने हैं।शॉर्टस्कर्ट ब्लेक ओर शॉट टीशर्ट पिंक।वो भीड़ देखकर भीड़ को चीरकर आगे आई।वो जैसे ही सबसे आगे आई ओर पैर रखा सीधा ही स्केटिंग पर पैर लग गया और वो फिसल गई।सीधी फिसलकर वो प्रेम के हाथ मे।


प्रेम ने उसे पकड़ लिया।सब ये सब कुछ देख रहे हैं।



उसके हाथ मे वो लड़की है।वो बोली माय गॉड ।में बच गई।



प्रेम बोला वाह क्या फिगर हैं?


तुम्हारे बदन को देखकर कोई भी लड़का पागल हो सकता हैं।गजब का जादू हैं।फिर उसके बालो को पकड़कर बोला तुम्हें पाने की चाहत हैं।उस लड़की के गाल को छुआ।उसके होठों को छुआ।फिर धक्का दे दिया।



उसे छोड़ दिया।वो लड़की डर गई।काँपने लगी।आंखों में से आंसू निकलने लगे।उस लड़की का नाम दिशा। सबके सामने इतनी बेइज्जती देख कोई भी लड़की रो दे।ऐसा माहौल हैं।


दिशा की friend का नाम जिया।


जिया ने दिशा को पकड़ लिया और अपनी बाहों में लेकर उसे दिलासा देने लगी।



सब दिशा और जिया के आसपास जमा हो गए।कोई कुछ नहीं बोला और वो तीनो चले गए।


पूरी कॉलेज में बाते होने लगी की दिशा को प्रेमने पकड़ लिया था।कुछ गलत नहीं किया मगर अनापशनाप बोला।



तुम ख़ूबसुन्दर हो।तुम्हें पाने की चाहत है।दिशा के गाल- होठ छुए।फिर तो बाते लंबी होने लगी।दिशा के गाल को छुआ, होठो को छुआ,बाहों में लिया।किस किया।पूरे बदन को छूने लगा।जो नहीं हुआ वो सब बातें होने लगी।


कालेज के प्रिंसिपल दो दिनों से बाहर है।इसलिए इन तीनो ने शरारत बढ़ा दी।





दिशा सुनकर डर जाती।रोने लगती और दिशा को आते ही उनकी बातें करते कोलेजियँन चुप हो जाते।कोई कुछ नहीं बोलता क्योंकि दिशा ऐसी बातों से रोने लगती।दिशा को भी पता चल जाता की सब उनकी ही बाते कर रहे थे,ओर उसके आने से चुप हो गए। मगर वो भी कुछ नहीं बोलती।





प्रेम,सागर और अनुज तीनो दिशा के class में ही हैं।
दो दिन से तीनों गायब हैं।



इन दो दिनों में वो तीनो एक बड़ी कंपनी के मालिक जिसने दूसरी कॉलेज बनाई उनके मालिक को मिलने पहुंचे।वहाँ सब ने बहोत मस्ती की,शराब पीया,नाच-गान,जुआ सब कुछ खेला।सागर और अनुज एक-एक लड़की को लेकर अकेले में एक कमरे में चले गए।



प्रेम ने आजतक किसी भी लड़की को नही छुआ। मगर दिशा को छू लिया।क्योंकि ये कंपनी मालिक ने कहा की जब दो दिन प्रिंसिपल नही तो लड़कियों और मेडम को परेशान करना शरू करदो।



तब सागर और अनुज ने कहा "साहब" प्रेम कभी भी लड़कियों और मेडम को परेशान नही करता। साहब ने प्रेम को डांट दिया।


"कहा अगर सागर और अनुज जितने रुपए चाहिए तो ये सब कुछ करना होगा।"


इसलिए उसने दिशा को छुआ ओर ऐसी हरकते की। फिर भी मर्यादा में रेहकर।



उस कंपनी मालिक का नाम साहब।



साहब ने अगले दिनों की प्लानिंग तीनो को दी।


प्रेम को बहोत रुपयेवाला बनना है।वो भी जल्द से जल्द।इसलिए वो टपोरियों से ओर साहब से मिल गया।रात का अंधेरा डरावना हो चुका ओर प्रेम दिशा के बारे में सोचता रहा।



कितनी सुंदर, मासूम वो लड़की।चाहे मुजे पैसे मिले ना मिले में उसे पाकर रहूंगा।चाहे कुछ भी हो जाए।कुछ भी करना पड़े।


साहब के विरुद्ध भी जाना हो वो जाएगा।मगर उस लड़की को पाकर रहूंगा।क्योंकि आज तक प्रेम के मम्मी-पापा ने प्रेम को जो चाहिए वो दिया।वो जिद्दी,घमंडी ओर अभिमानी हो गया।कुछ ऐसे दोस्त मिले।जिससे वो मनमानी करने लगा।


मै एक गुजराती हु।मैंने कोई हिंदी भाषा मे विशेष पदवी नहीं ली।गुजराती और हिंदी मिक्स हो ही जाएगी।इसके लिए क्षमा चाहूं.